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आर्थिक समृद्धि आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है!

जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वे जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है! (भजन संहिता 35:27)

परमेश्वर का वचन परमेश्वर की इच्छा को प्रकट करता है क्योंकि परमेश्वर का वचन ही परमेश्वर की इच्छा है। आप नहीं जान सकते कि परमेश्वर क्या चाहता है, जब तक आप उसका लिखित वचन नहीं पढ़ते। भजन संहिता 35.27 में कुशल (समृद्धि) शब्द इब्रानी शब्द में शालोम है। यह पूर्णता और सुदृढ़ता को संदर्भित करता है। इसमें स्वास्थ्य, कल्याण और समृद्धि शामिल है। एक शब्द जो शालोम का सबसे अच्छा वर्णन करता है वह है पूर्णता – सर्वांगीण कुशल (समृद्धि) जहां कुछ भी खोया नहीं है और कुछ भी टूटा नहीं है।

इस पद के अनुसार, प्रभु अपने लोगों की संपूर्ण समृद्धि से प्रसन्न होते हैं। यहोवा प्रसन्न होता है जब उसके लोग समृद्ध होते हैं। वह इससे प्रसन्न होता है। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग हर क्षेत्र में समृद्ध हों, जिसमें उनका धन भी शामिल है। यह परमेश्वर की इच्छा नहीं है कि उसके लोग गरीब हों और अभाव में हों। गरीबी परमेश्वर की इच्छा नहीं है। समृद्धि परमेश्वर की इच्छा है।

हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों में उन्नति करे और भला चंगा रहे। (3 यूहन्ना 1:2)

प्रभु कभी नहीं बदलते। चाहे वह पुरानी वाचा हो या नई वाचा, प्रभु चाहता है कि आप सभी चीजों में समृद्ध हों – चाहे वह आत्मिक हो, भौतिक हो, भावनात्मक हो, रिश्ते हों, सामाजिक हों या वित्तीय हों।

“यहोवा की बड़ाई हो, जो मेरी समृद्धि से प्रसन्न होता है। हाल्लेलुयाह !

मसीह की देह में कुछ ऐसे हैं जो आर्थिक समृद्धि का विरोध करते हैं। सिर्फ इसलिए कि कुछ प्रचारक और विश्वासी लालची हैं इसका मतलब यह नहीं है कि बाइबिल की आर्थिक समृद्धि गलत है। जब आप परमेश्वर के वचन को देखते हैं, आर्थिक समृद्धि पर परमेश्वर की इच्छा के विषय में आपके मन में कोई संदेह नहीं रहता है।

परन्तु तू अपने परमेश्‍वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पत्ति प्राप्‍त करने की सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बाँधी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। (व्यवस्थाविवरण 8:18)

आपको पता होना चाहिए कि वित्तीय समृद्धि के संबंध में परमेश्वर की इच्छा क्या है क्योंकि विश्वास वहीं से शुरू होता है जहां परमेश्वर की इच्छा जानी जाती है। वह हमें धन पाने की शक्ति देता है क्योंकि वह नहीं चाहता कि उसके लोग गरीब हों।

यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। तू मेरे सतानेवालों के सामने मेरे लिये मेज़ बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमड़ रहा है।(भजन संहिता 23:1,5)

बहुतायत और उमड़ना आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है। कोई कमी नहीं। कोई अभाव नहीं। कोई ग़रीबी नहीं।

तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा, क्योंकि जिस देश को तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरा भाग करके तुझे देता है, कि तू उसका अधिकारी हो, उसमें वह तुझे बहुत ही आशीष देगा। ( व्यवस्थाविवरण 15:4 )

मैंने आपके साथ जो पद साझा किए हैं, वे अपने लोगों के लिए परमेश्वर के हृदय को प्रकट करते हैं। प्रभु चाहता है कि आप समृद्ध हों। आर्थिक समृद्धि आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है।

धन यहोवा की आशीष ही से मिलता है, और वह उसके साथ दु:ख नहीं मिलाता। (नीतिवचन 10 :22 )

एक बार जब आप जान जाते हैं कि परमेश्वर क्या चाहता है, विश्वास की शुरूवात होता है। क्योंकि आप परमेश्वर के लिखित वचन को जानते हैं, आप सुनिश्चित हो सकते हैं और पूरी तरह निश्चित हो सकते हैं कि परमेश्वर चाहता है कि आप आर्थिक रूप से समृद्ध हों। इस ज्ञान से आप अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए परमेश्वर पर विश्वास कर सकते हैं। वही जिसने वायदा किया है, वो ही इसे आपके जीवन में पूरा करेगा।

परमेश्वर की क्षमता की कोई सीमा नहीं है। परन्तु आपके लिए, वह केवल वही कर सकता है जो आप विश्वास करते हैं। आपका विश्वास आपके लिए परमेश्वर की सीमा है। यदि आप चंगाई में विश्वास नहीं करते हैं, तो वह आपके जीवन में चंगाई को प्रकट नहीं कर सकता है। वह चाहता तो है लेकिन वह नहीं कर सकता।

आप जिस पर विश्वास नहीं कर सकते, परमेश्‍वर आपके जीवन में नहीं कर सकता।

याद रखें, यीशु अपने ही गाँव में लोगों को चंगा नहीं कर सका क्योंकि उन्होंने उस पर विश्वास करने से इन्कार कर दिया था। क्या उसके पास चंगा करने की शक्ति थी? हां! वह चंगा क्यों नहीं कर सका? उन्होंने उस पर विश्वास करने से इन्कार कर दिया। आपका विश्वास आपके लिए परमेश्वर की सीमा है।

जब आप यह सुनने से इनकार करते हैं कि लोग आर्थिक समृद्धि के बारे में क्या कहते हैं और इसके बजाय परमेश्वर के वचन को देखते हैं, तो आप बिना किसी संदेह के आश्वस्त होंगे, आर्थिक समृद्धि आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है।

जैसा कि आप अपनी आत्मा में इस पर विश्वास करते हैं और इसे अपने मुंह से बोलते हैं, प्रभु आपको आर्थिक बहुतायत के स्थान पर ले जाएगा और जहां आपके धन में आपका प्रभुत्व होगा।

परमेश्‍वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे; और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। ( 2 कुरिन्थियों 9:8 )

सभी चीज़ों में हमेशा पर्याप्तता होना – यह आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है। बहुत से विश्वासी इस वास्तविकता से अनजान हैं। अज्ञानता बंधन है। अज्ञानता आपको अंधकार में रखता है। अज्ञानता नाश करता है।

पैसे के पीछे कभी मत भागिए! यहोवा आपका कल्याण करेगा। यहोवा आपको आर्थिक रूप से आशीष देगा। यहोवा आपके धन में वृद्धि करेगा। अपनी आँखें यीशु पर रखें। राज्य का विस्तार करें। अपने परमेश्वर द्वारा दिए गए कार्य को पूरा करें। धन आपका पीछा करेगा।

आप मसीह में विजयी हैं!

Financial Prosperity is God’s will for you!

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